रविवार, 12 सितंबर 2021

कविता - आज़ादी का अमृत महोत्सव

नाम : अदिति
कोर्स : बी ए हिंदी ऑनर्स
वर्ष : तृतीय
कॉलेज : जीसस एंड मेरी कॉलेज

कविता - आज़ादी का अमृत महोत्सव

आओ चलो याद करें उन वीर जवानों को,
जिन्होंने अपने लहू बहाया इस देश को बचाने को

सलाम करती हूं मैं मेरे उन भाइयों को,
जो तैनात खड़े हैं मेरे देश की हिफाज़त को।

लाल किले पर प्रधानमंत्री खड़े हैं झंडा फहराने को,
'सेवा परमो धर्म:' कह रहे हैं मेरे देश को जगाने को।

ना जाने कितने सिपाहियों ने जान गवायीं इस देश को बचाने को,
ताकि हम आगे चलते चलें इस देश को ऊंचा उठाने को।

जो उन्होंने सोचा था उस सपने को साकार करने को,
हमारे युवा बढ़े हैं आगे हर मुकाम हासिल करने को।

वादा करते हैं आंच नहीं आने देंगे इस देश की मिट्टी को,
इसी मिट्टी की सौगंध खाकर जीते हैं उनके सपनों को सच करने को।

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