✨"आईना- ए- तहरीर", अपने नाम के अनुरूप सृजनात्मक अभिव्यक्ति का आईना बन कर जीवन के सरकारों से आपको रु-ब-रु कराने के लिए तैयार है l ✨मुख्य संयोजक :- डॉ अनुपमा श्रीवास्तव ✨ब्लॉग प्रबंधक:- गार्गी शुक्ला तुषिता राज आप सभी अपनी रचनाएं नीचे दिए गए मेल पर भेजें:- cauldronhindimagazine@gmail.com धन्यवाद।
मंगलवार, 31 अगस्त 2021
कविता - भारत (एक ख्वाब)
शनिवार, 21 अगस्त 2021
कविता - कागज़ के टुकड़े
कविता - कागज़ के टुकड़े
इंसानो से ज्यादा अहमियत हैं इन कागज के टुकड़ों की,
रिश्तों से ज्यादा और शायद सांसों से भी।
अपने लिए तो हम अनेक खुशी के लम्ह सजाते हैं,
पर दूसरों के लिए तो हम सोच भी नहीं पाते हैं ।
ऐसी लत लगीं हैं कागज के टुकड़ों को कमाने की,
कहों तो कहते हैं कि माँग हैं इस जमाने की।
पर कितनी दुर्लभ परिस्थिति हैं ।
ब्रहमांड की उम्र तक हम कह सकते नहीं
और इन टुकड़ों बिन हम रह सकते नहीं ।
हिमांगी मिश्रा
बी ए प्रोग्राम (पॉलिटिकल साइंस + सोशियोलॉजी)
जीसस एंड मेरी कॉलेज
शनिवार, 14 अगस्त 2021
कविता - समझ नहीं आता
कविता - समझ नहीं आता
समझ में नहीं आता किस पर लिखूँ!
भारतीय राजनीति पर कलम चलाऊँ,
या फिर महिलाओं की दुर्लभ स्थिति के भव्य सागर में बहती जाऊँ,
समस्याएँ अनगिनत है सार किन किन का बताऊँ,
सोच यही खुद पर मैं नजरें गङाऊ,
और फिर जीवन के तराजू पर में खुद को चींटी से भी हारता पाऊँ! (2)
हिमांगी मिश्रा
बी ए प्रोग्राम (पॉलिटिकल साइंस + सोशियोलॉजी) 1st year
जीसस एंड मेरी कॉलेज
रविवार, 8 अगस्त 2021
कविता - परंपराओं के रक्षक यह पुरुष
रविवार, 1 अगस्त 2021
कविता - अगर मैं कुछ कर सकती
आज पेड़ों की खुशी
आज पेड़ों की खुशी निराली है हर तरफ दिख रही हरियाली है पक्षियों में छाई खुशहाली है क्योंकि बारिश लाई खुशियों की प्याली है Priya kaushik Hind...
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