शनिवार, 4 सितंबर 2021

कविता - आज़ादी का अमृत महोत्सव

Name - Saundraya Dwivedi
Year -3rd year
Course- B.A.hindi(hons•) 
College - Jesus and mary college



                   आजादी का अमृत महोत्सव


गर्व, महत्व, गुरता या गुरत्वय इज्जत और सम्मान कर
ऐ भारत तू भारत के वीर सपूतों पर अभिमान कर
आजादी के अमृत महोत्सव का गुणगान कर
ऐ भारत तू खुद पर अभिमान कर 
वीरता, साहस, निडरता या निर्भीकता,हिम्मत और पराक्रम से काम कर 
ऐ भारत तू खुद का मान रख
सरहद पर मर मिटने वाले
स्वतंत्रता का स्वप्न दिखाने वालों 
को याद कर 
ओ भारत तू आजादी के अमृत महोत्सव का गुणगान कर
शौर्य, एकता,अखंडता,आध्यात्म और कलाकारी से छलकते इतिहास का बखान कर
ओ भारत तू खुद को पहचान अब
जहाँ की मिट्टी को मिलता हो माँ का दर्जा
जहाँ प्रचलित हो अतिथि देवो भव की परम्परा 
जहाँ मिलते हो मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च एक साथ 
बोलियाँ, वेशभूषा, रंग रूप अनेकों होने के बावजूद
विविधता में एकता प्रदर्शित होती हो
जहाँ युद्ध के बदले युद्ध नहीं 
पहले शांति का प्रस्ताव रखा जाता हो
जहाँ के वीर तिरंगे के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर देते हो
ऐसे भारत की अद्भुत, विशाल एवम् गौरवशाली परंपरा का विश्व भर में बखान कर तू
ओ भारत आज आजादी के अमृत महोत्सव का गुणगान कर तू।

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