रविवार, 15 नवंबर 2020

कविता - कोरोना की दिवाली

Name : Akanksha Dagar
Institution : Ex- DIET Delhi


कविता का नाम- कोरोना की दिवाली...
वह भी क्या दिन थे जब हम अपनों संग थे...
हर त्यौहार सब साथ मिलकर मनाते थे,
दिवाली का होता सबको ऐसा हर्ष उल्लास...
बिछड़े बंधुओं को भी ले आता था पास,
बच्चे-बूढ़े मिलकर घी के दिए जलाते...
एक दूजे को आपस में मिठाइयां खिलाते,
भाग-भाग कर सबको अपने गले लगाया...
आपस में दूरी लाया..जबसे ये कोरोना है आया,
मिठाई बांटे तो अब खाता नहीं यहां कोई...
कोरोना ने हर एक के हृदय में शंका संजोई,
गली मोहल्ले में पटाखे जलाते...
बच्चे हर घर में आतंक फैलाते,
अब ना कहीं शराबा ना ही कोई शोर...
छाया सिर्फ सन्नाटा हर एक ओर,
ना जाने कब आएंगे वे दिन उजियारे...
जब मिलेंगे एक दूसरे से हम सारे।

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