मंगलवार, 24 नवंबर 2020

कविता - चाय

Name - Saundraya Dwivedi

Year - second year

Course - BA Hindi hons

College - Jesus and Mary College



      चाय ☕


अगर एक चाय मिल जाए


दिल फिर खिल जाए 

बात पुरानी याद आए

वो डायरी के किस्से ,

आंखों के सामने आए

कसम से वो अदरक वाली चाय ,

बड़ी याद आए

उस चाय की गर्माहट ,

और सुबह के कोहरे की आहट

और तुम, आज फिर से बड़े याद आए

हाय ये चाय तो चहरे पर मुस्कुराट लाए

उस सर्दी के हौसले बुलंद हो 

उससे पहले हम चाय पी कर नरम हो जाय

चलो एक चाय हो जाय

चलो एक चाय हो जाए


©सौंदर्या द्विवेदी

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