सत्य का उजाला
राम लला पधारे अयोध्या
सबने लगाया टीका नज़र का काला
चारों ओर था उत्सव का माहौल
कैसा छाया यह सत्य का उजाला
सीता माता और लक्ष्मण भ्राता के संग आए
दूर हुआ अंधकार का जाला
सब थे खुशियां मना रहे
कैसा छाया यह सत्य का उजाला
रावण को मृत्यु तट पर पहुंचा कर
आए मर्यादा पुरुषोत्तम राम निज लाला
राहों में थे हर्ष के दिए सजे
कैसा छाया यह सत्य का उजाला
कहा गया इस शुभ दिन को दीपावली
जहां मुंह में मीठा और घरों में सजी थी फूलों की माला
जलते दियों में थी सच्चाई की जय जयकार
कैसा छाया यह सत्य का उजाला।
~ अदिति
जीसस एंड मेरी कॉलेज
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