Name - Saundraya Dwivedi
Course - BA Hindi hons
Year - second year
तुम
अफसाना भी तुम हो
ख्वाइश भी तुम हो
दिन भी तुम हो
रात भी तुम हो
जहां होती है मोहब्बत में नोक झोक
वहा की वकालत भी तुम हो
तुम ही पानी हो
तुम ही अम्बर हो
जिससे आती है दुनिया में खुशियां
वो तुम ही हो
तुम्हे पता है कि तुम्हारे जैसे लोग बहुत कम है
तुम जिंदगी जीने की वजह हो
तुम बाकियो से बहुत अलग हो
या यूं कहूं मेरे लिए बहुत खास हो
तुम संगीत में हो
तुम राग में हो
तुम ध्वनि में हो
तुम्हारा अपना अस्तित्व है
तुम इन्द्रधनुष के सात रंगों की तरह हो
तुम्हारे बिना जिंदगी बेरंग है
तुम आकृति में हो
तुम प्रकृति में हो
तुम चेतना में हो
तुम स्वप्न में हो
तुम्ही राग हो
तुम ही विलाप हो
सुनो तुम मेरे लिए बेहद खास हो
हां तुम ही
©सौंदर्या द्विवेदी
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