सोमवार, 9 नवंबर 2020

कविता - सुबह का इंतज़ार


Name - Saundraya Dwivedi
Course - BA Hindi hons
Year - second year
College - Jesus and Mary College



सुबह का इंतजार 🌼

एक कविता को पूरा किया जाए
या भरा जाए उस सूखे पन्ने को जो बेरंग सी सफेदी लिए हुए है
कोई धुन नई बनाई जाए 
या सुना जाए वो संगीत जो राहत दे रूह को
तेरे बारे में सोचा जाए
या उन यादों के बारे में
जो अब धुंधली सी लगती है
अपनी तमन्नाओं को पूरा किया जाए 
या महसूस किया जाए रूह के खालीपन को
खामोश रहा जाए 
या खुद से बाते हजार की जाए
पुरानी गलतियों से हताश हुआ जाए
या सीखा जाए उनसे कुछ भविष्य की ओर
तानो को दिल से लगाया जाए 
या आगे बड़ा जाए उन लोगो को बेचारा समझकर
जो मिला नहीं उस पर रोया जाए
या जो है उसमे खुश रहा जाए
मोहब्बत के लिए मिट्टी हुआ जाए
या मिट्टी से मोहब्बत की जाए
गुजरे लम्हों के बारे में सोचा जाए
या जिया जाए आज में ही
इन तमाम सवालों के जवाबों को ढूंढा जाए
या सो जाया जाए गहरी नींद में 
और किया जाए उस सुबह का इंतजार
जो देती है सिर्फ खुशियों भरी रोशनी

©सौंदर्या द्विवेदी

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